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Wednesday, September 21, 2011

ऐसा वादा ना करो जो निभा ना पाओ। उससे दिल मत लगाना जिसे अपना ना पाओ॥ पयार तो सबसे करना, पर उस एक को खुश रखना जिसके बिना मुसकुरा ना पाओ॥

सुकून अपने दिल का मैने खो दिया । खुदको तनहाई के समुँदर मे ङुबो दिया॥ जो थी मेरे कभी मुसकुराने की वजह। आज उसकी कमी ने मेरी पलको को भिगो दिया॥

रख होसला वो मंजर भी आयेगा। पयासे के पास चलकर समुंदर भी आयेगा॥ थक कर ना बैठ ऐ मंजिल के मुसाफिर। मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मजा भी आएगा॥

कल रात एक अजीब सा खवाब देखा। उनको आते मेरे घर बे नकाब देखा॥ जिसको मुझसे मिलने कि फुरसत ना थी। उसको मुझसे मिलने के लिये बेताब देखा॥

वो परेशान करती है मगर रुलाती नही। इतनी अचछी है कि कभी सताती नही। हमने पूछा पयार करती हो हमसे। हंसकर बोली करती हूँ पर जताती नहीं॥

हर किसी पर इतना ऐतबार मत करो। किसी की चाहत मे दिल बेकरार मत करो॥ यातो होसला रखो दरद सहने का, या फिर किसीसे पयार मत करो॥

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